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मोक्ष कैसे प्राप्त होता है | हिन्दू धर्म में कौनसा देवता देता है मोक्ष
मोक्ष क्या है ? दुनिया के प्राचीनतम धर्म सनातन के महा ग्रन्थों में ऐसा अद्भुत और अविश्वसनीय ज्ञान भरा पड़ा जिसका हम जितना अध्यन करें उतनी ही रुचि और बढ़ जाती है, ऐसा ही एक विषय है मोक्ष | मोक्ष चौथा पुरुषार्थ है, आत्मा का अंतिम लक्ष्य, साधारण शब्दों में इसे जाने तो मोक्ष कुछ और नहीं बल्कि जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से आत्मा की मुक्ति है, यह जीवात्मा का उस परम आत्मा से एकीकरण है, हिन्दू धर्म ग्रन्थों के अनुसार वो कौन सा देव है जिससे हमें मोक्ष की प्राप्ति होती है आइये विस्तार से जानते हैं
भगवान शिव से मोक्ष प्राप्ति
भगवान शिव के से मोक्ष प्राप्ति का वर्णन विभिन्न ग्रन्थों में आता है
ऋग्वेद में है प्रमाण
ऋग्वेद के अनुसार भगवान शिव जन्म और मृत्यु के चक्र से हमें मुक्ति प्रदान कर सकते हैं, महा मृत्युंजय मंत्र जिसका वर्णन हमें ऋग्वेद में भी मिलता है,
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्
इस मंत्र का अर्थ है ,हम त्रिनेत्रधारी शिव की आराधना करते हैं, जो अपनी शक्ति से संसार का पालन करतें हैं।
उनसे प्रार्थना है कि वे हमें जीवन व मृत्यु के बंधन से मुक्त करे और हमें दिखा दे कि हम कभी भी अपनी अमर प्रकृति से अलग नहीं होते हैं,
यजुर्वेद तैत्तिरीय-ब्राह्मण में शिव द्वारा मोक्ष देने के प्रमाण
केवल महामृत्युंजय मंत्र ही एकमात्र मंत्र नहीं जो भगवान शिव और मोक्ष प्राप्ति से संबन्धित है, महामृत्युंजय मंत्र के ही समान एक मंत्र यजुर्वेद तैत्तिरीय-ब्राह्मण में वर्णित है
सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः।
भवे भवे नाति भवे भवस्व मां भवोद्भवाय नमः॥
जिसका अर्थ है, मैं सद्योजातं की शरण में हूँ, सद्योजात को नमस्कार है, जन्म – जनमान्तरों के किसी भी जन्म में मेरा अतिभाव – पराभव न हो, हे भवोद्धव | आपको मेरा नमस्कार है
महाभारत महाकाव्य क्या कहता है
महाभारत के शांति पर्व के मोक्षधर्म पर्व में एक जगह विभिन्न देव भगवान शिव की स्तुति करते हुए कहते हैं,
“वेदों में आप सामवेद हैं। यजुर्वेद के सूक्तों में आप शतरुद्रिय हैं। आप योगियों में सनत्कुमार हैं। सांख्य के प्रतिपादकों में आप कपिला हैं। हे भगवान! आप मरुतों में शक्र हैं। पूर्वजों में आप धर्म के राजा हैं। संसारों में आप ब्रह्मा की दुनिया हो। सभी गंतव्यों में आपको ही मोक्ष कहा जाता है। इन के अतिरिक्त भगवान शिव से मोक्ष प्राप्ति कर वर्णन हमें शिव पुराण के श्री कैलाश संहिता में भी मिलता है
भगवान विष्णु से मोक्ष प्राप्ति
भगवान विष्णु से मोक्ष प्राप्ति का वर्णन भी अलग अलग ग्रन्थों में किया गया हैभागवत पुराण के स्कन्ध 11 एक शलोक में वर्णन है के भगवान शिव ने स्वयं कहा था , mukti-pradātā sarveṣāṁ viṣṇur eva na saṁśayaḥ, इसमें कोई भी संदेह नहीं है के विष्णु ही सभी के मुक्तिदाता हैं, उनही से मोक्ष प्राप्त होता है
भागवत गीता के अध्याय ‘ मोक्ष सन्यास योग में, श्री कृष्ण कहते हैं ” सब धर्मों का परित्याग करके तुम एक मेरी ही शरण में आओ, मैं तुम्हें समस्त पापों से मुक्त कर दूँगा, तुम शोक मत करो।
देवी दुर्गा से मोक्ष प्राप्ति का वर्णन
मार्कन्डेय पुराण के देवी महात्म्य अध्याय 81 में वर्णित है के ” देवी भगवती ज्ञानियों के चित को भी बलपूर्वक खींचकर मोह में डाल देती है, उसी देवी ने इस चराचर जगत को श्रीजा है तथा वह ही प्रसन्न होकर मुक्ति के महुश्यों को वर देती है , वह परम विद्या है तथा मुक्ति की कारणभूत और सनातनी है, वह देवी ही सांसारिक बंधनों की कारण और सब इशवरों की ईश्वरी है
ये ही सब मुख्य देव और देवियाँ है जिनसे मोक्ष प्राप्ति का वर्णन विभिन्न वेदों, पुरानों और अन्य महा ग्रन्थों में किया गया है, आशा करते हैं आपको हमारा लेख अवश्य पसंद आया होगा, इस विषय पर हमने एक विडियो भी बनाया है जिसका लिंक ऊपर दिया गया है , आप देख सकते हैं, वहीं से आप मेरे you tubeचैनल से भी जुड़ सकते हैं, धन्यवाद