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गंगा सप्तमी की पौराणिक कथा, महत्व और पूजा विधि | Ganga Saptami 2024
गंगा सप्तमी क्यों मनाई जाती है? जानें गंगा अवतरण की पौराणिक कथा, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इस पर्व का धार्मिक महत्व

गंगा सप्तमी क्या है? (What is Ganga Saptami?)
गंगा सप्तमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माँ गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। गंगा स्नान, दान और पूजा से इस पर्व का विशेष महत्व है।
📌 गंगा सप्तमी 2024 तिथि: [अपडेट करें]
📌 शुभ मुहूर्त: [अपडेट करें]
गंगा सप्तमी की पौराणिक कथा (Ganga Saptami Katha)
गंगा नदी के पृथ्वी पर आने की कथा राजा भगीरथ और उनके पूर्वजों से जुड़ी है:
1. सगर राजा और 60,000 पुत्रों का श्राप
- राजा सगर ने अश्वमेध यज्ञ किया, लेकिन इंद्र ने यज्ञीय घोड़े को चुराकर कपिल मुनि के आश्रम में छुपा दिया।
- सगर के 60,000 पुत्रों ने मुनि को अपमानित किया, जिससे क्रोधित होकर मुनि ने उन्हें भस्म कर दिया।
- उनकी आत्माएं मुक्त नहीं हो पाईं, क्योंकि उनका अंतिम संस्कार नहीं हुआ था।
2. भगीरथ की कठिन तपस्या
- सगर के वंशज राजा भगीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए कठोर तपस्या की।
- ब्रह्माजी ने गंगा को भेजा, लेकिन चेतावनी दी कि गंगा का वेग शिवजी के बिना संभालना असंभव है।
3. शिवजी ने गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया
- भगीरथ ने शिव की आराधना की, तब शिवजी ने गंगा को अपनी जटाओं में बाँधकर धीरे-धीरे पृथ्वी पर छोड़ा।
- गंगा का जल भगीरथ के पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम पहुँचा और सगर के पुत्रों को मुक्ति मिली।
गंगा सप्तमी का धार्मिक महत्व (Significance of Ganga Saptami)
✅ पापों का नाश: इस दिन गंगा स्नान से सभी पाप धुल जाते हैं।
✅ पितृ मोक्ष: पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
✅ आरोग्य लाभ: गंगाजल पीने से रोग दूर होते हैं।
गंगा सप्तमी पूजा विधि (Ganga Saptami Puja Vidhi)
- प्रातः स्नान: गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
- गंगा पूजा: गंगा माँ को फूल, दीप, फल और गंगाजल अर्पित करें।
- मंत्र जाप:
- “ॐ नमः शिवाय”
- “गंगा मैया की जय”
- दान-पुण्य: गरीबों को भोजन, वस्त्र या दक्षिणा दें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
❓ गंगा सप्तमी कब मनाई जाती है?
➡ यह वैशाख शुक्ल सप्तमी को मनाई जाती है।
❓ गंगा सप्तमी और गंगा दशहरा में क्या अंतर है?
➡ गंगा दशहरा गंगा के अवतरण के 10 दिन बाद मनाया जाता है, जबकि सप्तमी उसी दिन मनाई जाती है।
❓ गंगा स्नान न कर सकें तो क्या करें?
➡ घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें और “गंगा गायत्री मंत्र” का जाप करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
गंगा सप्तमी का पर्व मोक्ष, पवित्रता और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक है। इस दिन गंगा पूजन से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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